हेल्लो दोस्तों आज इस पोस्ट में हम बात करेंगे सेल्फ कॉन्फिडेंस, सेल्फ रेस्पेक्ट और सेल्फ एस्टीम में क्या अंतर होता हैं, तो इस पोस्ट पूरा जरूर पढ़ें जिससे आपको पता चल सकेगा की अपने अंदर कितना सेल्फ कॉन्फिडेंस और आपका सेल्फ एस्टीम कितना हैं। और ज़िंदगी में अगर आप अपने दम पर कुछ बड़ा करना चाहते हैं तो ये सभी गुण आपके अंदर होने ही चाहिए।
आत्मविश्वास क्या है? (What is Self-Confidence in Hindi)
अगर हम आत्मविश्वास (Self-Confidence) शब्द को ध्यान से देखेंगे तो हमें इसका मतलब समझ में आ जाएगा, आत्मविश्वास दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है, आत्म का मतलब होता है खुद या स्वयं, और विश्वास का मतलब होता है भरोसा करना, यानी आत्मविश्वास का मतलब होता है खुद पर भरोसा करना।
लेकिन इतना ही नहीं है अभी हमें और समझना है तो चलिए देखते हैं…
तो आसान भाषा में बोले तो खुद पर विश्वास करना की मैं ये काम कर सकता हूँ यही आत्मविश्वास (Self Confidence) हैं, लेकिन अगर आपको कोई काम नहीं आता और कोई आपसे पूछता हैं ये काम कर लोगे और आप बोलते हैं हाँ कर लूंगा तो ये सेल्फ कॉन्फिडेंस नहीं है बल्कि ये ओवर कॉन्फिडेंस हैं।
लेकिन अगर आप बोलते हैं की नहीं मुझे ये काम नहीं आता लेकिन मैं सीख कर ये काम कर सकता हूँ तो ये आत्मविश्वास (Self Confidence) हैं।
“Self-Confidence is the result of a high Self-Esteem.”
तो आइए देखते हैं किसी के अंदर आत्मविश्वास आता कहां से है यानी आत्मविश्वास कैसे बढ़ाया जा सकता है?
हमारे अंदर आत्मविश्वास तब आता है जब हमारे पास सही ज्ञान होता है, अब आप सोच रहे होंगे सही ज्ञान क्या होता हैं?
जैसे अगर आपको तैरने सीखना है और आप किसी ऐसे व्यक्ति से तैरना सीखते हैं जिसे खुद तैरना नहीं आता, तो आप जो ज्ञान ले रहे हैं वो गलत हैं लेकिन अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति से सीखते हैं,
जिसे तैरने आता है बल्कि वह एक्सपर्ट हैं तैरने में तो यह ज्ञान सही है क्योंकि हमें ऐसे व्यक्ति से सीखना चाहिए जो उस काम का एक्सपर्ट हो।
अब केवल ज्ञान से आपके अंदर सेल्फ कॉन्फिडेंस नहीं आएगा, क्योंकि अभी आपको तैरने नहीं आता, लेकिन अब अगर आप बोलते हैं की मुझे तैरने आता हैं तो ये आपका ओवर कॉन्फिडेंस हैं न की सेल्फ कॉन्फिडेंस क्योंकि अभी आपने तैरने की प्रैक्टिस नहीं किया हैं।
तो अगर आप तैरने की कोशिस करेंगे तो आप डूब भी सकते हैं।
तो सेल्फ कॉन्फिडेंस के लिए आपको उस सही नॉलेज यानि ज्ञान से आधार पर प्रैक्टिस यानि प्रयास करना होगा। और रेगुलर प्रयास से आपको तैरना आ जायेगा, जिससे अब आपके अंदर अब एक कॉन्फिडेंस होगा की मैं तैर सकता हूँ लेकिन ये सेल्फ कॉन्फिडेंस नहीं हैं।
सेल्फ कॉन्फिडेंस ये होगा की अगर आपको कोई काम नहीं भी आता हैं लेकिन आपके अंदर ये विश्वास है की आप उस काम को सीख कर वो काम कर सकते हैं ये विश्वास ही रियल सेल्फ कॉन्फिडेंस हैं।
तो कहने का मतलब है की कॉन्फिडेंस के लिए आपको कुछ न कुछ करना ही होगा।
अब आपको पता तो चल ही गया होगा की सेल्फ कॉन्फिडेंस क्या होता है, तो आप अब कमेंट करके बताओ आपके अंदर सेल्फ कॉन्फिडेंस है या नहीं है।
और पढ़े: – सफल व्यक्ति से गुण
What is Self Respect in Hindi
आत्मसम्मान क्या है? (What is Self Respect in Hindi)
खुद की नज़र में खुद का आदर या सम्मान करना ही आत्मसम्मान होता हैं। खुद को महान सनझना और खुद की रेस्पेक्ट करना ही आत्मसम्मान है।
जिसके अंदर सेल्फ रेस्पेक्ट होता है वह कभी भी आलसी नहीं होता वह कुछ न कुछ करता रहता है, जैसे जब किसी व्यक्ति की उम्र 18 साल से ज्यादा हो जाती हैं तो अगर वह अपने माता पिता से पैसे नहीं लेता बल्कि वह अपने पैरो पर खड़ा हो जाता हैं,
तो इसका मतलब है की उस व्यक्ति के अंदर आत्मसम्मान यानि सेल्फ रेस्पेक्ट हैं। ।।। (अब जो भी आप मन में बोल रहे हो वो सब बहाने हैं)
मेरी उम्र जब 18 साल की थी तब ही मेरे मन में ये आया की मैं अब अपने पिता से पैसे तो नहीं लूंगा और तब से आज तक मैंने उनसे पैसे नहीं लिए हैं पहले मुझे नहीं पता था की मैं ऐसा क्यों कर रहा हूँ लेकिन आज मुझे समझ में आता हैं की तब भी मेरे अंदर सेल्फ रेस्पेक्ट था।
सेल्फ रेस्पेक्ट हर उस व्यक्ति के अंदर होता हैं जो फ्री के चीजें लेना पसंद नहीं करता हैं, जैसे हमारे देश भारत में कुछ लोग ऐसे हैं जो दहेज़ के नाम पर फ्री में लड़की वाले के घर से पैसे लेते हैं, जबकि दहेज़ लेना बैन हैं।
ऐसे लोगों के अंदर सेल्फ रेस्पेक्ट ही कमी होती हैं क्योंकि जिस व्यक्ति के अंदर सेल्फ रेस्पेक्ट होगा, वह व्यक्ति ऐसे किसी से फ्री में कुछ नहीं लेता।
जिस व्यक्ति के अंदर सेल्फ रेस्पेक्ट होता है वह कभी भी कोई गलत काम नहीं करता यानि कोई ऐसा काम नहीं करता जिसकी वजह से दूसरों का नुक्सान हो सकता हैं, अगर उस काम से उसका फायदा हो रहा हैं लेकिन किसी का नुक्सान हो रहा हैं तब वो यह काम नहीं करेगा, क्योंकि उस व्यक्ति से अंदर सेल्फ रेस्पेक्ट होता हैं। What is Self Respect in Hindi
तो अब आप समझ ही गए होंगे की सेल्फ रेस्पेक्ट क्या होता हैं, तो अब आपके अंदर सेल्फ रेस्पेक्ट हैं या नहीं कमेंट करके जरूर बताएं, अगर आप अंदर नहीं हैं तो भी पछताने की कोई जरुरत नहीं है क्योंकि सेल्फ रेस्पेक्ट केवल गिने चुने लोगों में होता हैं।
और जिसके अंदर सेल्फ रेस्पेक्ट होता हैं उसको भी बहुत प्रॉब्लम होती हैं क्योंकि वह व्यक्ति पैसे कमाने के लिए कोई ऐसा काम नहीं कर सकता जिससे किसी और का नुक्सान हो रहा हो, तो उसे कुछ ऐसा काम करना पड़ता हैं,
जिससे वह पैसे कमाए और दूसरों का फायदा भी हो। और ऐसा काम करना थोड़ा मुश्किल होता हैं। लेकिन यही काम सार्थक होता हैं।
अगर आप अपने अंदर सेल्फ रेस्पेक्ट या सेल्फ एस्टीम को बढ़ाना चाहते हैं तो 6 क्वालिटीज़ हैं जिनसे आप अपने अंदर की सेल्फ रेस्पेक्ट जो बढ़ा सकते हैं। (Six Pillers of self-esteem in Hindi)
1. होशपूर्वक जीना (Living Consciously)
2. आत्म स्वीकृति (Self acceptance)
3. स्वयं की जिम्मेदारी (Self Responsibility)
4. आत्म मुखरता (Self Assertiveness)
5. उद्देश्यपूर्ण ढंग से जीना (Living Purposefully)
6. व्यक्तिगत ईमानदारी (Personal Integrity)
What is Self Respect in Hindi
FAQ on Self-Confidence and Self Respect (Self-esteem)
A. – Self Respect और Self-esteem का मतलब एक ही होता है।
A. – 4 प्रकार हैं जो उस सम्मान को परिभाषित करते हैं जो आप अपने लिए महसूस कर सकते हैं: आत्मविश्वास, पहचान, अपनेपन की भावना और क्षमता की भावना।
A. – अगर आप अपना आत्मसम्मान बढ़ाना चाहते हैं तो आपको इस आर्टिकल को पूरा पढ़ना होगा इसमें अच्छी तरीके से बताया गया है कि आत्मसम्मान क्या होता है और कैसे बढ़ाया जा सकता है!
तो दोस्तों मुझे आशा है की आपको इस लेख की सहायता से आत्म विश्वास और आत्म सम्मान के बारे में अच्छे से समझ में आ गया होगा, तो अगर आपको यह आर्टिकल वैल्युएबल लगा हो तो अपने दोस्तों और परिवारों से साथ जरूर शेयर करें।
What is Self Respect in Hindi
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