ऐसी वाणी बोलिए मन का आप खोये। औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए। - कबीर दास
No.1st
बड़ा भया तो क्या भया, जैसे पेड़ खजूर। पंथी को छाया नहीं फल लागे अति दूर। - कबीर दास
No.2nd
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय। जो मन देखा आपना, मुझ से बुरा न कोय। - कबीर दास
No.3rd
दुःख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोय। जो सुख में सुमिरन करे, तो दुःख काहे को होय। - कबीर दास
No.4th
काल करे सो आज कर, आज करे सो अब। पल में परलय होएगी, बहुरि करेगा कब। - कबीर दास
No.5th
ज्यों तिल माहि तेल है, ज्यों चकमक में आग। तेरा साईं तुझ ही में है, जाग सके तो जाग। - कबीर दास
No.6th
जहाँ दया तहा धर्म है, जहाँ लोभ वहां पाप। जहाँ क्रोध तहा काल है, जहाँ क्षमा वहां आप। - कबीर दास
No.7th
जब मैं था तब हरी नहीं, अब हरी है मैं नाही। सब अँधियारा मिट गया, दीपक देखा माही। - कबीर दास
No.8th
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