वास्तविक जीवन क्या है?
अगर हम इसे थोड़े शब्दो में कहें तो हमारे जन्म से लेकर मृत्यु तक हमारी जो प्रक्रियाएं होती हैं । वही हमारा जीवन होता है । उसे ही हम जीवन (life) कहते हैं।
जीवन तो सभी को मिलती है , जीवन को जीते तो सभी है पर सबका जीने का तरीका अलग अलग होता है । पशु पक्षी के जीने का तरीका अलग होता है और इंसानो के जीने का तरीका अलग होता है ।
अभी हम सबके जो जीने का मकसद है वो बस यही है कि अपने लिए जीना और अपने लिए मरना । बस ऐसे ही हम सब का life चल रहा है और हम सब ऐसे ही जी रहे हैं ।
दूसरों के बारे में तो सोचते ही नहीं बस अपने फायदे के बारे में ही सोचते रहते हैं। और ऐसे ही सब अपना जीवन यापन कर रहे हैं पर यह जीवन जीने के लिए सही तरीका नहीं है ।
हमारे जीवन की वास्तविकता यह है कि यह एक Game की तरह है । जिसमे हम एक Player हैं और हम इस जीवन नामक Game से खेल रहे हैं। हमें कभी भी इस Game को इतना Serious होकर नहीं खेलना चाहिए।
Game में हारना जीतना तो होता ही रहता है , इस गेम में कभी भी दुखी और निराश होकर रोना नहीं चाहिए।
क्योंकि बस यह एक खेल है और हम इसे खेल रहे हैं। हमें इस जीवन नामक खेल का पूर्ण आनंद लेना चाहिए , और इस हमें इस जीवन को खुल कर जीना चाहिए ।