शुक्राचार्य नीति ने 3 ऐसे नीतियों को बताया हैं जिन्हे स्वीकारने में कभी शर्म नहीं करनी चाहिए।
शुक्राचार्य के अनुसार एक बुद्धिमान व्यक्ति को कभी भी किसी से भी ज्ञान लेने में शर्म या संकोच नहीं करना चाहिए।
पहली चीज है विद्या
अगर कोई व्यक्ति किसी बीमारी से पीड़ित है तो उसे किसी से उपचार लेने में शर्म और संकोच नहीं करना चाहिए।
दूसरी चीज है औषधि
शुक्राचार्य कहते हैं एक बुद्धिमान व्यक्ति वही है जो उत्तम गुणों वाली स्त्री को चुनता हैं।
तीसरी चीज है स्त्रीरत्न
फिर चाहें वह नीच कुल की हो, गरीब हो, भले ही सुन्दर न हो। उसे अपनाने में ज्यादा देर नहीं करनी चाहिए।
तीसरी चीज है स्त्रीरत्न
ये थी शुक्राचार्य की 3 नीतियां जो मनुष्य को लेने में कभी शर्म नहीं करना चाहिए।
अब बात करेंगे तीन ऐसे चीजों के बारे में जो भूल कर भी नहीं लेना चाहिए।
शुक्राचार्य जी बताते हैं किसी बुद्धिमान व्यक्ति को बिना दिए कभी नहीं लेना चाहिए। यदि आप किसी से कुछ लेते हैं तो बदले में उसे कुछ जरूर दें।
पहली चीज:
किसी का पाप आपको किसी से बताना नहीं चाहिए। और आपको किसी भी अपशब्दों को सुनना नहीं चाहिए।
दूसरी चीज:
शुक्रदेव कहते हैं किसी व्यक्ति को किसी दूसरे की पत्नी दूषित नहीं करनी चाहिए। चाहें वह स्त्री सामने से लाख कोशिस क्यों न करे।
तीसरी चीज:
उससे दुरी बनाये रखनी चाहिए क्योंकि चरित्रहीन स्त्री को अपने चरित्र और सम्मान से ज्यादा मतलब नहीं होता।
तीसरी चीज:
लेकिन हाँ अगर ये बात समाज में फ़ैल गई तो आपको जरूर शर्मिंदगी का सामना करना पर सकता है।
तीसरी चीज:
लेकिन हाँ अगर ये बात समाज में फ़ैल गई तो आपको जरूर शर्मिंदगी का सामना करना पर सकता है।
तीसरी चीज:
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