चार दोस्त कॉलेज में एक ही साथ पढ़ते थे, परीक्षा के अगली रात उन्होंने पार्टी करी।

और पढ़ नहीं पाए तो अगले दिन परीक्षा में गंदे कपडे पहन कर जाते हैं और प्रोफेसर को एक झूठी कहानी बताते हैं।

की वे कल रात किसी को हॉस्पिटल लेकर गए थे, और वहां से वापस आते वक्त उनकी गाड़ी का टायर पंचर हो गया।

तो पूरे रस्ते उनको गाड़ी को धक्का मार कर वापस रूम पर आना पड़ा।

इसीलिए वे परीक्षा का कुछ पढ़ नहीं पाए। प्रोफेसर ने कहा ठीक हैं। तुम चारो दो दिन बाद एग्जाम दे देना।

एग्जाम के दिन प्रोफेसर को उन चारो दोस्तों को अलग अलग रूम में बिठाया।

इस बार वो चारो दोस्त बहुत कॉंफिडेंट थे। क्योंकि उन्होंने उस दो दिन में खूब पढ़ लिया था।

लेकिन क्वेश्चन पेपर देख कर चारो के होश उड़ गए। क्योंकि पेपर में सिर्फ एक ही सवाल था। की गाड़ी का कौन सा टायर पंचर हुआ था।

इस कहानी से आपको दो सीख मिलती है।  पहली बिना प्रॉपर प्लानिंग के कोई भी काम पूरा नहीं होता।

इस कहानी से आपको दो सीख मिलती है।  पहली बिना प्रॉपर प्लानिंग के कोई भी काम पूरा नहीं होता।

दूसरी बात झूठ बोलने से कभी किसी का भला नहीं हुआ है। क्योंकि एक झूठ को छुपाने के लिए आपको 100 झूठ और बोलने पढ़ते हैं।

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