Demosthenes हकलाकर बोलते थे, और उसको दूर करने के लिए टंग एक्सरसाइजेज सीखी।

पहाड़ो पर चढ़ते हुए स्पीच देने की प्रैक्टिस किये। और समुन्दर की तेज हवाओ के सामने भी अपनी आवाज़ को बनाये रखे और बोलने से तरीके सीखें।

उन्होंने अपने आप को शिक्षित करने के लिए अपने घर पे ही एक अंडर ग्राउंड कमरा तैयार किया था।

और जहाँ वे स्पीच देने का अभ्यास करते और बुक्स पढ़ते।

वे ज्यादा से ज्यादा समय अपने इस प्रोसेस को फॉलो करें इसलिए उन्होंने अपना आधा सर मुड़वा लिया।

और कुछ ही समय में एक हकलाकर बोलने वाले इंसान ने बोलने में ऐसी मास्टरी हासिल कर ली।

की लोग उसके पावरफुल एक्सप्रेशन दमदार आवाज और बोलने का अंदाज सुनके दंग रह जाते थे।

कहने का मतलब यही है की आप किसी भी काम के लम्बे रास्ते को भूल जाओ, और बस केवल प्रोसेस को फॉलो करते रहो। आप इससे कुछ भी प्राप्त कर सकते हो।

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