भगवत गीता में कृष्ण भगवन कहते है - कर्म करने पर ध्यान दो, फल की चिंता मत करो. जैसा कर्म करोगे आप वैसा फल आपको मिलेगा।
श्री कृष्ण कहते हैं निडर बनो! मरने कसे कभी मत डरो क्योंकि तुम्हारी चेतना न तो पैदा होती है और ना ही मरती है।
श्री कृष्ण कहते हैं तीन चीजें हैं जो किसी भी व्यक्ति को पूरी तरह से ख़तम कर सकती हैं - भोग (Lust ), लालच, और गुस्सा करना।
कभी ज्यादा दुःख हो तो सहन करना चाहिए क्योंकि इस दुनिया में कुछ भी स्थाई नहीं है। यहाँ तक की सर्दी, गर्मी, दुःख, सुख सभी अस्थाई है।
नदियों के पानी की तरह आपके मन में अनंत विचार आएंगे। यह बिल्कुल सामान्य है। किसी बारे में चिन्ता की जरूरत नहीं।
भगवान कृष्ण कहते हैं कि जीत और हार खेल का हिस्सा हैं, लेकिन जो सबसे ज्यादा मायने रखता है वह है लड़ने की इच्छा।
आपको अपने जीवन में अपने अधिकार के लिए लड़ना ही चाहिए।
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