मान लो आपका एक छोटा सा ऑपरेशन होने वाला है, जब आप ऑपरेशन थिएटर के अंदर जाते हो तो आपको हां एक टीवी दिखता है।

फिर आपको पता चलता है कि वह सर्जन स्टैंड अप कॉमेडी देखते हुए ऑपरेशन करता है।

अगर मेरा अंदाजा सही है तो आप तुरंत वहां से भाग जाओगे, है ना क्योंकि आप भी जानते हो की फोकस से काम करना कितना जरूरी होता है।

एक सिंगल चीज पर फोकस करने की काबिलियत से ही मेजर ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर कहा जाता था।

उनका खेलने का तजुर्बा इतना पावरफुल था, की ओलंपिक में लोगों ने उनकी हॉकी को तोड़ कर देखा कि कहीं इसमें चुंबक तो नहीं है।

क्योंकि एक बार अगर गेंद उनकी बैट में आ गई तो मानो वो चिपक जाती थी।

उनकी प्रैक्टिस इतनी तगड़ी थी की एक बार ओलंपिक में आधे घंटे तक उनसे एक भी गोल नहीं हुआ।

ज्ञानचंद बोले पानी बहना भूल सकता है लेकिन मेरी हॉकी गोल करना कभी नहीं भूल सकती। पता लगाओ इस गोलपोस्ट में कुछ गड़बड़ है।

जब वह गोलपोस्ट नापा गया तो वह 2 फुट छोटा निकला।

ऐसी काबिलियत पाने के लिए अपने काम में मास्टरी हासिल करो फिर चाहे वह काम कितना भी छोटा क्यों ना हो उसे ढंग से करो।

ऐसे ही और पोस्ट पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।

Click Here