विजय शेखर शर्मा की सफलता की कहानी:लंबी कतारों से बचने के लिए उन्होंने डिजिटल पेमेंट का अवलोकन किया, जो नोटबंदी के बाद बढ़ता रुझान बना।

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विजय शेखर शर्मा की प्रारंभिक शिक्षा: उन्होंने अलीगढ़ में हिंदी माध्यम के स्कूल में अध्ययन किया और स्कूल टॉप किया।

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तकनीकी क्षेत्र में आगे बढ़ने का विचार: विजय शेखर शर्मा ने अंग्रेजी कमजोरी के बावजूद दिल्ली के इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश पाया।

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अंग्रेजी बनी सफलता में दुविधा: पहले बैच में पीछे रहने के कारण अंग्रेजी सवालों का उत्तर न देने से, विजय शेखर शर्मा ने अंतिम बैच में स्थान लिया और पढ़ाई में पिछड़ना शुरू किया।

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परीक्षा परिणाम पर असर: अंग्रेजी कमजोरी के कारण पढ़ाई में पिछड़ने और सेमेस्टर परीक्षा में असफलता से उन्होंने इंजीनियरिंग छोड़ने का निर्णय लिया।

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अच्छे ग्रेड्स की अभाव के कारण, वह अपना  फ़्रस्टेशन कंप्यूटर लैब में निकलने और वहाँ  समय बिताने लगा। 

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दरियागंज के संडे मार्किट में वह 5-10 पुरानी किताबें और मैगज़ीन्स खरीदकर सिलिकॉन वैली के बारे में जाने 

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उन्होंने सिलिकॉन वैली के सफल उद्योगपतियों की प्रोफाइल देखी, लेकिन ख़राब  आर्थिक स्थिति ने  विदेश में पढ़ने की अनुमति नहीं दी।

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कुछ कर गुजरने के जज्बे के कारण, स्वयं कोडिंग सीखी और दोस्त के साथ सर्च इंजन बनाया, वर्तमान में वर्डप्रेस साइट की तरह कंटेंट बनाया 

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विजय ने one 97 कंपनी बनाई, खर्चे न मेंटेन कर पाए तो कई और कंपनियों में काम किया। पीयूष अग्रवाल की मदद से सीईओ बने और यह सहयोग कंपनी को उच्च पद पर ले आया

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