क्या प्रेम एक स्वाभाविक भावना है या कुछ ऐसा जिसे हमें सिखना पड़ता है? इस परंपरागत सोच को चुनौती देती है Acharya Prashant की किताब — “Prem Sikhna Padta Hai”।
यह पुस्तक हमारे मन में गहराई से बैठी हुई झूठी प्रेम की परिभाषाओं को तोड़ती है और हमें सिखाती है कि असली प्रेम क्या है। यदि आप इस किताब को पढ़ना चाहते हैं, तो आप नीचे से prem pdf free download भी कर सकते हैं।
👤 लेखक परिचय: Acharya Prashant
आचार्य प्रशांत एक आधुनिक आध्यात्मिक शिक्षक हैं जिन्होंने वेदांत और उपनिषद को युवाओं की भाषा में प्रस्तुत किया है। वह सैकड़ों किताबों, वीडियो प्रवचनों और लाइव सत्रों के माध्यम से लाखों लोगों को दिशा दे चुके हैं।
📖 Prem Sikhna Padta Hai Book Summary in Hindi
❌ प्रेम क्या नहीं है?
Acharya Prashant पुस्तक की शुरुआत में ही बताते हैं कि प्रेम वो नहीं है जो हमें फिल्मों, कहानियों या रिश्तों में दिखाया जाता है। यह…
- निर्भरता नहीं है
- आकर्षण नहीं है
- मालिकाना हक नहीं है
- भावना या उत्तेजना नहीं है
- बलिदान या त्याग का नाटक नहीं है
“जिसे तुम प्रेम समझते हो, वह अक्सर मोह, डर या आदत होती है।” — आचार्य प्रशांत
✅ सच्चा प्रेम क्या है?
Acharya कहते हैं कि सच्चा प्रेम…
- स्वाभाविक आनंद की अभिव्यक्ति है।
- कोई मांग या शर्त नहीं होती।
- भीतर की पूर्णता से बाहर की ओर फैलता है।
- “जब मन स्वयं पूर्ण होता है तो वह आनंद बाँटना चाहता है — यही है प्रेम।”
🔁 प्रेम एक अभ्यास है
Acharya बताते हैं कि प्रेम कोई जन्मजात भावना नहीं है, बल्कि इसे सिखना और साधना पड़ता है। जैसे संगीत या ध्यान, प्रेम भी एक अभ्यास है।
प्रेम सिखने के लिए क्या छोड़ना होगा?
- अपनी झूठी धारणाएं (जैसे “प्रेम का मतलब है कोई मेरा हो गया”)
- अतीत से सीखी हुई परिभाषाएं
- आकर्षण, आदत और रोमांटिक कल्पनाएं
💡 किताब से प्रमुख सीखें
- प्रेम का पहला स्तर — अविकसित प्रेम: यह स्वार्थ और आवश्यकता से उत्पन्न होता है।
- प्रेम का दूसरा स्तर — व्यक्तिगत कल्याण से अधिक, दूसरे के कल्याण की चिंता।
- प्रेम का तीसरा और उच्चतम स्तर — सार्वभौमिक प्रेम, जिसमें कोई उद्देश्य नहीं, बस आनंद की स्वाभाविक धारा होती है।
“प्रेम तब होता है जब तुम खुद से इतने भरे होते हो कि बाँटना चाहो।”
💭 रूपक और गहरे उदाहरण
- संगीत के विद्यार्थी की कथा: यह दर्शाती है कि सच्चा प्रेम तब ही सिखाया जा सकता है जब मन पुरानी सीखों और धारणाओं से मुक्त हो।
- तनका और आकाश (कबीर का उदाहरण): जब एक साधारण तनका (हम) प्रेम से भर जाता है, तो वह आकाश तक उठ जाता है।
📥 Prem Sikhna Padta Hai Book PDF कैसे डाउनलोड करें?
अगर आप इस पुस्तक को पढ़ना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए स्रोतों से PDF डाउनलोड करें:
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📌 यह पुस्तक केवल शैक्षिक और व्यक्तिगत उपयोग के लिए दी जा रही है। कृपया कॉपीराइट का सम्मान करें।
📌 इस पुस्तक से जीवन बदलने वाली बातें
- प्रेम मांगना नहीं, देना है।
- प्रेम कोई व्यक्ति, वस्तु या संबंध नहीं — यह एक आंतरिक अवस्था है।
- सच्चे प्रेम में अपेक्षाएं नहीं, बस पूर्णता से बहना होता है।
- प्रेम में स्वतंत्रता और स्पष्टता होती है, संदेह और मजबूरी नहीं।
❓ FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1. क्या ‘Prem Sikhna Padta Hai’ किताब Acharya Prashant की है?
हां, यह पुस्तक आचार्य प्रशांत के प्रेम पर आधारित गहन प्रवचनों का संग्रह है।
Q2. क्या इसे PDF में फ्री में डाउनलोड किया जा सकता है?
हां, आप इसे हमारे Telegram चैनल से डाउनलोड कर सकते हैं।
Q3. क्या यह किताब केवल रोमांटिक प्रेम के बारे में है?
नहीं, यह पुस्तक प्रेम के व्यापक और आध्यात्मिक अर्थ को उजागर करती है।
Q4. यह किताब किनके लिए उपयोगी है?
हर उस व्यक्ति के लिए जो प्रेम को गहराई से समझना चाहता है और भ्रम से मुक्त होना चाहता है।
Q5. क्या इसमें व्यवहारिक उदाहरण दिए गए हैं?
जी हां, किताब में रूपकों, कहानियों और जीवन के सरल उदाहरणों का सुंदर उपयोग किया गया है।
✅ निष्कर्ष (Conclusion)
“Prem Sikhna Padta Hai” एक साधारण प्रेम कहानी नहीं, बल्कि आत्मा की सबसे उच्चतम अवस्था को जानने का माध्यम है। Acharya Prashant आपको यह सिखाते हैं कि जब आप खुद को पा लेते हैं — तभी प्रेम संभव होता है।
अगर आप भी प्रेम को गहराई से समझना और जीना चाहते हैं — तो यह किताब आपके लिए एक दर्पण बन सकती है।
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Acharya Prashant की किताब ‘Prem Sikhna Padta Hai’ का सारांश पढ़ें और प्रेम को नई दृष्टि से समझें। अब PDF फ्री डाउनलोड करें – Prem pdf free download.
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