एक बार एक  पिता और बेटा बगीचे में घूम रहे थे। तभी पिता की नजर बगीचे की घास पर जाती है।

वे अपने बेटे से कहते हैं इसे उखाड़ दे, बच्चा आसानी से उस घास को उखाड़ देता है।

फिर पिता कहते हैं चल इस आगे वाले पैधे को उखाड़।

इस बार बच्चे को थोड़ी परेशानी होती हैं, लेकिन वो उसे उखाड़ देता है। लास्ट में पिता उसके बेटे से कहते हैं। 

तुमने घास उखाड़ा पौधा उखाड़ा, चलो अब इस पेड़ को उखाड़ो। बेटा कोशिस करता है लेकिन वो इस पेड़ का कुछ उखाड़ नहीं पाता है।

बिलकुल ऐसा ही आपके बुरी आदतों के साथ होता है। कोई भी बुरी आदत शुरू में घास जितनी छोटी होती है।

जिसे आप आसानी से बदल सकते हो, लेकिन जैसे जैसे समय बीतता है। वो आदत बढ़ के पेड़ जितनी बड़ी हो जाती है।

जिसे आप आसानी से बदल नहीं सकते।  इस लिए कोई भी बुरी आदात शुरुआत में ही छोड़ देना चाहिए।

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