आजकल हम सबके जीवन में सबसे बड़ी प्रॉब्लम है राइट डिसीजन टेकिंग की यानि सही निर्णय कैसे लिया जाये। छोटी छोटी चीजों के लिए निर्णय सही हो या गलत ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। लेकिन जब लाइफ और कैरियर के बारे में निर्णय करना पड़ता है तब वहां बहुत सोच समझकर निर्णय किया जाता है। क्योंकि अगर हम कैरियर या लाइफ का कोई बड़ा डिसीजन यानी निर्णय अगर गलत ले लेते हैं। तो उससे हमारा पूरा जीवन बर्बाद हो सकता है तो आज हम इसी टॉपिक पर बात करेंगे कि सही निर्णय कैसे लिया जाए।
यह लेख बहुत ही रिसर्च करके लिखा गया है, इसमें बड़े-बड़े दार्शनिक के बातों को सुनकर बहुत ही अच्छे से समझने वाली भाषा में लिखा गया है ताकि आपको समझने में कोई समस्या न हो। तो अगर आप इस लेख को पूरा पढ़ते हैं, तो मुझे आशा है आज के बाद आपको निर्णय लेने में कभी भी समस्या नहीं होगी।
निर्णय के बारे में दो शब्द: (What is Decision in Hindi?)
जीवन में हमें हर मोड़ पर एक निर्णय लेना ही पड़ता है, कुछ निर्णय छोटे होते हैं तो कुछ निर्णय बहुत बड़े होते हैं। हमारा जीवन वैसे ही बन जाता है जैसे हम निर्णय लेते हैं। तो इसलिए हमें कोई भी निर्णय बहुत ही सोच समझ कर लेना चाहिए।
जैसे हमें आज क्या खाना है यह एक छोटा निर्णय है लेकिन इससे भी हमारे जीवन में एक बड़ा बदलाव आता है। जैसे अगर आज हम कुछ हेअल्थी यानी जो हमारे लिए अच्छा है वो खाएंगे तो हमारा शरीर स्वस्थ रहेगा और हम बीमार नहीं पड़ेंगे। लेकिन अगर हम कुछ गलत खाते हैं तो स्वास्थ के लिए हानिकारक है तो हम बीमार पड़ेंगे।
तो कहने का मतलब ये हैं कि जीवन में जो हम छोटे छोटे निर्णय लेते हैं इसी से हमारा ये जीवन बनता है। इसलिए हमें हमेशा सही और अच्छा निर्णय ही लेना चाहिए।
जीवन में सही निर्णय कैसे लें। (How to take Right Decisions?)
निर्णय लेने में उलझन (Confusion) हैं?
अगर आप भी अपनी लाइफ में कंफ्यूज है, क्या करें क्या ना करें, क्या गलत है, कौन सा निर्णय सही है कौन सा निर्णय गलत है, क्या डिसीजन लेना चाहिए क्या नहीं लेना चाहिए। कौन सा काम करना चाहिए कौन सा नहीं करना चाहिए? तो मैं आपको बता दूं इसमें कोई गलत बात नहीं है, कन्फ्यूजन एक अच्छी चीज है।
कन्फ्यूजन होता है तभी तो हम सही निर्णय ले पाते हैं, सोचो अगर कोई कंफ्यूजन ही ना हो, तो जो भी हमें दिख जाए हम करते चले जाएं तो भी यह अच्छी बात नहीं है।
अगर आपको कन्फ्यूजन है तो इसका मतलब है कि आप एक इंटेलिजेंट व्यक्ति हैं क्योंकि जो बुद्धिमान होते हैं कन्फ्यूजन उन्हीं को होता है, पागल को तो जो आप बोल दोगे यही करना है तो वही करता रह जाएगा पूछेगा नहीं भाई क्यों? उसे कोई कंफ्यूजन नहीं है।
(Confusion is the Sign of Intelligence. – Sandeep Maheshwari).
मुझे आशा है कि अब आपका कन्फ्यूजन तो दूर हो गया होगा।
निर्णय लेते समय इन सभी बातों का ध्यान रखें।
लाइफ में अगर आप सही निर्णय लेना चाहते हैं तो इन गलतियों को कभी ना करें। चलिए देख लेते हैं ऐसी कौन-कौन सी बातें हैं जो हमें सही निर्णय लेते समय ध्यान में रखना चाहिए।
1. निर्णय कभी भी गुस्सा होकर नहीं लेना चाहिए।
जब हम क्रोधित हो यानी जब हम गुस्से में हो तो हमें कभी भी निर्णय लेना चाहिए, क्योंकि उस समय में लिया गया निर्णय गलत होने का चांस बढ़ जाता है।
वह निर्णय गलत इसलिए हो सकता है क्योंकि उस निर्णय को हम सोच समझकर नहीं लिए हैं। तो कहने का मतलब यही है कि कभी भी क्रोधित होकर गुस्से में निर्णय नहीं लेना चाहिए।
2. निर्णय कभी भावुक (Emotional) होकर नहीं लेना चाहिए।
निर्णय कभी भी बहुत ज्यादा दुखी या बहुत ज्यादा खुश होकर भी नहीं लेना चाहिए, जैसे कि आपको याद होगा राजा जनक ने भी कैकेई को खुश होकर ही बोले कि जो मांगना है मांग लो! और कैकई ने राम के लिए 14 वर्ष का वनवास मांग लिया। तो कहने का मतलब यही है कि ज्यादा इमोशनल होकर भी निर्णय नहीं लेना चाहिए अक्सर गलत ही होता है।
3.सलाह हमेशा एक्सपर्ट से लेना चाहिए।
मान लीजिए आप एक बिजनेस करना चाहते हैं और आप घरवालों से पूछते हैं कि मुझे बिजनेस करना चाहिए या नहीं करना चाहिए और आपके घर वाले कभी भी कोई बिजनेस किया ही नहीं है। तो उनका सीधा सा जवाब होगा कि नहीं बिजनेस मत करो!
क्योंकि उन्होंने कभी बिजनेस नहीं किया है और उन्हें बिजनेस के बारे में कोई नॉलेज नहीं है। तो कहने का मतलब यही है अगर निर्णय लेना ही है तो जो बिजनेस कर रहा है उससे पूछो, वह आपको बता पाएगा कि आपको बिजनेस करना है या नहीं करना है।
4. निष्पक्ष होकर निर्णय लें।
निर्णय लेते समय निष्पक्ष हो कर दोनों के अच्छाई और बुराई देखनी चाहिए। निर्णय लेते समय हमारे पास दोनों पक्षों के बारे में पर्याप्त जानकारी होनी चाहिए। बिना दोनों पक्षों की सुनवाई किये हमे निर्णय नहीं लेना चाहिए।
करियर में सही निर्णय कैसे लें। (Take Right Decision in Career)
आप जो भी निर्णय लेना चाहते हैं तो उसके दोनों पहलुओं के बारे में देख लीजिये। और उसके बाद निर्णय लीजिये।
जैसे अगर आपको कंफ्यूज हैं की लाइफ में बिज़नेस करें या जॉब करें।
तो आप एक सादा पेपर लीजिये और उसमे लिखिए की जॉब करने के कितने फायदे हैं और कितने नुक्सान हैं। इससे आपको क्लियर हो जायेगा। जैसे आप लिख सकते हैं की जॉब में सैलरी फिक्स होती हैं और समय पर मिल जाती हैं ये तो इसका फायदा हो गया। लेकिन जॉब करने से आपको वो किसी दूसरे अंदर काम करना पढता हैं और आप अपने मन से कहीं जा नहीं सकते, और अपने मन से कुछ कर नहीं सकते, जॉब में आजादी नहीं रहती हैं।
तो अब दूसरे पहलु को भी देख लेते हैं इसमें आप लिखेंगे बिज़नेस के फायदे और नुक्सान। जैसे बिज़नेस में आप असफल भी हो सकते हैं। किसी दिन कुछ पैसे मिले या हो सकते हैं किसी दिन कोई पैसे ना मिलें। यहाँ हो सकता हैं की पहले आपको दिन के 20 घंटे भी काम करना पड़े।
और बिज़नेस के फायदे तो आपको पता ही होगा। आप अपना मन पसंद काम कर सकते हैं समय की आजादी होती हैं और पैसे की भी पूरी आजादी होती हैं।
अब आप देख सकते हैं की आपके अनुसार कौन सा निर्णय लेना उचित होगा। अगर आप रिस्क लेने को तैयार हैं और सीखने और एक्सपरिमेंट करने के लिए तैयार हैं तो आप बिज़नेस कर सकते हैं। लेकिन आप रिस्क नहीं ले सकते, और बिना महीने के पैसे मिले आप नहीं रह सकते तो आपके जॉब ही सही होगा।
तो ये करियर में निर्णय लेने का एक बेहतर तरीका है।
सही निर्णय कैसे लें।?(How to take Right Decision)
Judgment (निर्णय)
तो जब हम निर्णय करते हैं तो हमें लॉजिक यानि तार्किक आधार पर फैसले करने चाहिए।
1. Proportionality (समानता):
हमें उतना ही फैसला लेना चाहिए जितना हमारे पास इनपुट यानि जानकारी है।
2. Illicit Generalization (अवैध सामान्यीकरण):
हमें निर्णय लेते समय कभी भी बिना तर्क के निर्णय नहीं लेना चाहिए, जितना जानते हैं केवल उतने के बारे में ही निर्णय करें। जैसे कोई लड़का या लड़की आपको धोका देता है तो आप डायरेक्ट बोल देते हैं सभी लड़के/ लड़कियां ऐसे ही होते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। एक व्यक्ति के बारे में जानकर हमें सभी के बारे में ऐसा निर्णय नहीं लेना चाहिए।
3. All or Nothing:
हम चीजों का फैसला लेते समय या तो इस तरफ खड़े होंगे या तो उस तरफ खड़े होंगे, और हम सोचने को तैयार ही नहीं होंगे की इन दोनों के आलावा तीसरा और चौथा रास्ता भी हो सकता हैं। जैसे हम किसी व्यक्ति को देखते हैं तो बोल देते हैं ये व्यक्ति बुरा है और ये बहुत अच्छा है।
लेकिन हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए की कोई व्यक्ति बुरा या अच्छा नहीं होगा, बल्कि एक ही व्यक्ति बुरा भी होता है और अच्छा भी होता है। एक व्यक्ति के अंदर दोनों गुण होते हैं लेकिन उनका अनुपात अलग हो सकता है जैसे किसी व्यक्ति में अच्छाई 80% होता है तो बुराई 20% होता हैं।
तो उसे हम अच्छा व्यक्ति बोल देते हैं बल्कि बोलना चाहिए की इस व्यक्ति में इतनी अच्छाई है और इतनी बुराई है।
4 . Flexibility:
निर्णय लेने के बाद जब हमारे पास पर्याप्त इनपुट हो जाए और हमें लगे की हमारा लिया गया निर्णय गलत है तो हमें उस निर्णय को बदलने के लिए फ्लेक्सिबल होना चाहिए।
5. Take Decision: निर्णय लें!
जब आप ज्यादा सोचते सोचते निर्णय ही नहीं लेते हैं, तब भी आप निर्णय लेते हैं कुछ निर्णय ना लेने का निर्णय। इसलिए ज्यादा सोचे न और निर्णय जरूर लें। निर्णय लेंगे तो कुछ चांस है की निर्णय गलत भी हो सकता हैं और सही भी हो सकता हैं। लेकिन अगर आप कोई निर्णय नहीं लेंगे, तो आपका ये निर्णय न लेने का निर्णय गलत ही होगा।
आप निर्णय लीजिये आपको सही निर्णय लेने की जरुरत नहीं है। केवल आप उस निर्णय को लेने का सबसे ख़राब परिणाम क्या हो सकता है उसके लिए तैयार रहें।
6. Decision Taking Check Points: सही निर्णय कैसे लें?
- आप निर्णय लेते समय ध्यान दें निर्णय वही लें जो आपके सफ़लता की सम्भावना को आगे बढाती हो।
- निर्णय लेते समय अपने स्ट्रांग और वीक पॉइंट्स को ध्यान में रखें।
- निर्णय लेते वक्त इस बात का जरूर ध्यान रखें की आप अपना पूरा जीवन किस काम में देना चाहते हैं, आपका निर्णय आपके जीवन का जो मकसद है उससे मिलना चाहिए।
FAQs About How to Take Right Decision
Ans: ये 5 स्टेप्स हैं जिनके आधार पर हम सही निर्णय ले सकते हैं :
१. हमें निष्पक्ष होकर निर्णय लेना चाहिए।
२. निर्णय लेते समय हमें दोनों पक्षों के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं को देख लेना चाहिए।
३. निर्णय लेते वक्त ध्यान दें की वही निर्णय लें जो आपके सफलता को आगे बढाती हो।
४. निर्णय लेते समय ध्यान दें जीवन में पैसे से ज्यादा ख़ुशी और संतुष्टि मायने रखती है।
५. आप अपना ये पूरा जीवन किस काम में देना चाहते हैं वही निर्णय लें।
Ans: कंफ्यूज होने पर सही निर्णय लेने के लिए कृपया सही निर्णय लेने का पूरा पोस्ट पढ़ें।
Ans: गलत निर्णय लेने के बहुत से कारण ही सकते हैं, जैसे हम जल्दी में निर्णय लेते हैं बिना ज्यादा सोचे हो वह निर्णय गलत हो सकता हैं, हमें कभी इमोशनल होकर निर्णय नहीं लेना चाहिए। निर्णय लेने के लिए हमें दोनों पक्षों के बारे में अच्छे से जानकारी होना बहुत जरुरी हैं।
How to take Right Decision in Hindi?
निष्कर्ष:
सही निर्णय लेने का सही तरीका सीखने के लिए, आपको समय की कुछ महत्वपूर्ण गतिविधियों का पालन करना होगा। पहले आपको अपनी स्थिति को समझना होगा, अपने किसी भी निर्णय के परिणाम को समझना होगा, अपने लक्ष्यों को समझना होगा। से सम्बंधित सभी विवरण को संग्रहित करना होगा, अपने सोच को साफ़ करना होगा।
. सही निर्णय लेने के लिए, आपको अपने स्वयं को स्वीकार करना चाहिए और अपने स्वयं को सम्बोधित करना चाहिए। तो मुझे आशा है की आपको इस पोस्ट से सही निर्णय लेने में बहुत आसानी हुई होगी। तो यदि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो अपने फॅमिली और दोस्तों से साथ ग्रुप में जरूर शेयर करें।
Thank You!❤