दैनिक ज़िंदगी में “नहीं” कहना, अपनी सीमाएँ तय करना, और खुद को मानसिक रूप से सुरक्षित रखना जितना आसान लगता है, असल में उतना है नहीं। Prentiss Hemphill का एक बहुत मशहूर वाक्य है—
“Boundaries are the distance at which I can love you and me simultaneously.”
इसी सोच पर आधारित है Nedra Glover Tawwab की बेस्टसेलर किताब “Set Boundaries, Find Peace” जिसमें वह हमें बहुत सरल तरीक़े से बताती हैं कि सीमाएँ बनाना क्यों ज़रूरी है, और कैसे यह हमारी मानसिक शांति का आधार बनती हैं।
इस ब्लॉग में हम Set Boundaries, Find Peace Book Summary in Hindi को आसान भाषा में समझेंगे, साथ ही अंत में आपको Book PDF Download से जुड़ी जानकारी भी मिलेगी।
⭐ परिचय: क्यों ज़रूरी हैं Boundaries?
हम सबने कभी न कभी ये महसूस किया है कि—
- कोई हमें बिना पूछे हमारे समय का इस्तेमाल कर लेता है
- हम सबको खुश करने में लगे रहते हैं
- ‘ना’ कहने में शर्म या डर लगता है
- रिश्तों में थकान, guilt और frustration होने लगता है
यही वो संकेत हैं जब हमारे पास Healthy Boundaries नहीं होतीं।
Nedra इस किताब में बताती हैं कि Boundaries बनाना स्वार्थी होना नहीं है, बल्कि खुद और दूसरों दोनों का सम्मान करना है।
✨ किताब में मुख्य रूप से क्या सिखाया गया है?
इस किताब का मुख्य संदेश यह है कि—
जब तक आप अपने लिए सीमाएँ तय नहीं करेंगे, तब तक आप कभी मानसिक शांति महसूस नहीं कर पाएंगे।
किताब हमें 6 तरह की सीमाएँ सिखाती है:
- Physical Boundaries
- Emotional Boundaries
- Time Boundaries
- Material Boundaries
- Intellectual Boundaries
- Sexual Boundaries
अब इनको बहुत आसान उदाहरणों के साथ समझते हैं।
🧠 Emotional Boundaries: अपनी भावनाओं की रक्षा करें
Emotional Boundary का मतलब है—
“मैं अपनी भावनाओं की जिम्मेदारी खुद लूंगी, और दूसरों की भावनाओं को अपने ऊपर बोझ बनने नहीं दूंगी।”
✔ उदाहरण:
- अगर कोई आपको कहे—“तुम्हारी वजह से मैं दुखी हूँ,”
तो यह unhealthy boundary का sign है।
किसी की भावनाओं का बोझ उठाना आपकी जिम्मेदारी नहीं है। - अगर कोई आपकी feelings को ignore करके बस अपनी बात मनवाता है—
तो वहाँ Boundary सेट करना ज़रूरी है।
✔ Healthy Boundary कैसे बनाएं?
- “मैं अभी emotionally थकी हुई हूँ, बाद में बात करूंगी।”
- “मेरी emotions को कम मत आंकें।”
- “मैं आपके गुस्से के तरीके से uncomfortable हूँ।”
⌛ Time Boundaries: आपका समय आपका है
बहुत से लोग सबसे ज़्यादा इसी में फँसते हैं—
दूसरों के लिए समय निकालते-निकालते खुद के लिए बिल्कुल समय नहीं बचता।
✔ उदाहरण:
- दोस्त अचानक फोन करके कहे, और आपको तुरंत ही मीटिंग छोड़कर भागना पड़े।
- ऑफिस में लोग आपका समय खा जाएँ और आप अपनी काम-जीवन संतुलन भूल जाएँ।
✔ Healthy Boundary कैसे दिखाएँ?
- “मेरे पास अभी 20 मिनट हैं, उसके बाद मुझे काम करना है।”
- “बिना बताये आए मेहमानों को मैं संभाल नहीं पाती।”
👥 Relationship Boundaries: रिश्तों में सीमा क्यों जरूरी है?
किताब कहती है कि Healthy Relationships तभी बनती हैं जब दोनों लोग एक-दूसरे की सीमाओं को समझें।
रिश्तों में Boundaries की कमी के संकेत:
- लगातार control करना
- हर चीज़ पर राय देना
- आपकी privacy का सम्मान न करना
- भावनात्मक दबाव डालना
Healthy Boundaries कैसे सीखें?
- स्पष्ट communication
- ईमानदार बातचीत
- दूसरों को बताना कि क्या आपकी सीमा है, और क्या नहीं
✔ उदाहरण:
- “मुझे अपनी personal space चाहिए।”
- “कृपया मेरे मैसेज का तुरंत जवाब देने का दबाव मत डालिए।”
📱 Social Media Boundaries: डिजिटल दुनिया में खुद की रक्षा
आजकल लोग insta story और status देखकर judge भी करते हैं और demand भी।
किताब सुझाव देती है—
✔ अपनी digital boundaries साफ रखें:
- आप हर किसी को follow-back देने के लिए मजबूर नहीं हैं
- आपको हर मैसेज का तुरंत जवाब देना ज़रूरी नहीं
- आपको अपनी personal life सबको दिखाने की ज़रूरत नहीं
💼 Work Boundaries: ऑफिस में ‘हाँ’ कहना आदत न बने
बहुत लोग “Good employee” दिखने के चक्कर में खुद को थका देते हैं।
✔ Unhealthy Signs:
- ओवरटाइम बिना पूछे करवाया जाना
- सहकर्मियों का आपका समय इस्तेमाल करना
- हर extra काम आप पर डाल देना
✔ Healthy Response:
- “मैं यह काम कल करूंगी, अभी मेरे पास क्षमता नहीं है।”
- “ओवरटाइम तभी कर पाऊंगी जब पूर्व-नियोजित हो।”
💬 Boundaries सेट करते समय लोग क्या कहेंगे?
Boundaries लगाने पर तीन तरह की प्रतिक्रियाएँ मिलती हैं:
1️⃣ Supportive लोग
- वे आपकी सीमाओं का सम्मान करेंगे।
2️⃣ Defensive लोग
- उन्हें लगेगा कि आप बदल गई हैं।
3️⃣ Manipulative लोग
- guilt-trip कर सकते हैं
- नाराज़ हो सकते हैं
- emotional drama कर सकते हैं
लेकिन Nedra कहती हैं—
“अगर Boundary लगाने से रिश्ता खराब होता है, तो वह रिश्ता पहले से ही unhealthy था।”
🧩 Boundaries सेट करने का Step-by-Step आसान तरीका
Step 1 — अपने पैटर्न पहचानें
देखें कि कौन-सी चीज़ें आपको थकाती हैं या परेशान करती हैं।
Step 2 — अपनी जरूरतें समझें
क्या आपको समय चाहिए? space? respect? शांत माहौल?
Step 3 — साफ और सरल भाषा
Boundary कभी गोल-मोल नहीं होनी चाहिए।
Step 4 — सौम्यता, पर दृढ़ता
न बहुत गुस्से में, न बहुत कमजोर आवाज़ में।
Step 5 — Consistency
एक बार बोलकर भूल न जाएँ।
Boundary वही चलती है जिसे दोहराया जाए।
🌿 Self-Care और Boundaries का गहरा रिश्ता
जब हम सीमाएँ बनाते हैं—
- हमारा confidence बढ़ता है
- रिश्ते साफ़ और स्वस्थ होते हैं
- guilt कम होता है
- mental peace बढ़ती है
- हम खुद को ज्यादा समझने लगते हैं
किताब कहती है—
“Boundary = Self-Care + Self-Respect”
🧘 Cultural Context: क्या भारतीय समाज में ‘Boundaries’ आसान हैं?
भारत में ज़्यादातर लोग Boundaries को बदतमीज़ी समझ लेते हैं।
Examples:
- “घर वालों को कैसे ना बोल सकते हो?”
- “मेहमान भगवान होते हैं, उनकी सेवा कर।”
- “बड़ों के सामने अपनी बात मत रखो।”
लेकिन आज के समय में खुद का मानसिक स्वास्थ्य बचाना ज़रूरी है।
इसलिए Boundaries का मतलब disrespect नहीं होता, बल्कि balance होता है।
📚 असली जीवन के 5 छोटे उदाहरण
⭐ उदाहरण 1:
आपका दोस्त हर दिन आपकी पढ़ाई/काम के समय फोन करता है।
Boundary: “मैं 7–9 बजे पढ़ाई करती हूँ। उस समय फोन न करें।”
⭐ उदाहरण 2:
कोई रिश्तेदार आपकी शादी, शरीर, weight पर बार-बार टोकता है।
Boundary: “मैं इन चीज़ों पर बात नहीं करती। कृपया यह सवाल न पूछें।”
⭐ उदाहरण 3:
ऑफिस में लोग आपका lunch-time पकड़कर काम करवा लेते हैं।
Boundary: “1 से 1:30 मेरा ब्रेक है, इस दौरान मैं उपलब्ध नहीं हूँ।”
⭐ उदाहरण 4:
डिजिटल boundary—
Boundary: “मैं हर मैसेज का तुरंत जवाब नहीं दे पाऊंगी।”
⭐ उदाहरण 5:
परिवार में हर काम आपसे करवाना।
Boundary: “मुझे आराम चाहिए, दो घंटे बाद मैं मदद करूँगी।”
🌸 Set Boundaries, Find Peace Book Summary in Hindi (Short Version)
- सीमाएँ हमारे मानसिक स्वास्थ्य की सुरक्षा होती हैं
- ‘ना’ कहना स्वार्थी नहीं, necessary है
- हर व्यक्ति को अपना समय, ऊर्जा और भावनाओं को सुरक्षित रखने का अधिकार है
- Boundaries बनाना practice से आता है
- Healthy रिश्तों की पहचान ही Healthy Boundaries है
📥 Set Boundaries, Find Peace Book PDF Download in Hindi
यह किताब copyright-protected है।
इसलिए इसका फ्री PDF देना कानून के अनुसार सही नहीं होता।
लेकिन आप इसका ऑफिशियल Hindi या English संस्करण निम्न प्लेटफ़ॉर्म पर खरीद/पढ़ सकते हैं:
- Amazon
- Flipkart
- Google Books
- Audible (Audiobook)
(ध्यान दें: अवैध PDF डाउनलोड आपकी सुरक्षा और लेखक के अधिकार दोनों के लिए गलत है।)
❓ FAQs (Frequently Asked Questions)
1. क्या Boundaries बनाना बद्तमीज़ी है?
नहीं। Boundaries सम्मानजनक तरीके से अपनी जरूरत बताने का तरीका है।
2. क्या हर रिश्ते में Boundaries होनी चाहिए?
हाँ। रिश्ते चाहे दोस्ती हो, परिवार हो या ऑफिस—limit ज़रूरी है।
3. ‘ना’ कहना कैसे सीखें?
धीरे-धीरे छोटी बातों से शुरुआत करें। विनम्र लेकिन साफ़ भाषा रखें।
4. Boundaries बनाने से रिश्ते बिगड़ते हैं?
सिर्फ वही रिश्ते बिगड़ते हैं जो पहले से ही imbalance या toxic हों।
5. इस किताब को कौन पढ़ना चाहिए?
जो लोग खुद को थका हुआ, दबा हुआ या emotionally exhausted महसूस करते हैं—उनके लिए यह किताब बहुत उपयोगी है।
🎯 निष्कर्ष: अपनी शांति के लिए सीमाएँ बनाएं
Life में Peace अपने आप नहीं मिलती—
उसे आपको खुद बनाना पड़ता है।
Boundaries बनाने का मतलब यह नहीं कि आप दुनिया से दूर हो रहे हैं,
बल्कि इसका अर्थ है—
“मैं खुद का सम्मान करता/करती हूँ।”
अगर आप अपनी मानसिक शांति, आत्मविश्वास और रिश्तों को बेहतर बनाना चाहते हैं,
तो Set Boundaries, Find Peace ऐसी किताब है जो आपकी सोच बदल देगी।
Thanks for Reading!❤️
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