Tara by Mahesh Dattani summary in Hindi

Tara by Mahesh Dattani Book PDF Download in Hindi – Complete Book Summary

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महेश दत्तानी का नाटक Tara एक ऐसा भावनात्मक और सोचने पर मजबूर कर देने वाला ड्रामा है, जिसमें जेंडर, परिवार, समाज और मनोवैज्ञानिक तनाव को बहुत गहराई से दिखाया गया है। इस ब्लॉग में आप Book Summary को बेहद आसान भाषा में पढ़ेंगे, साथ ही PDF डाउनलोड से जुड़ी जानकारी भी मिलेगी।

ये कहानी सिर्फ दो बच्चों की नहीं है, बल्कि पूरे समाज की सोच का आईना है — जहाँ लड़का और लड़की होने का फर्क इंसानों के दिलों पर बोझ बन जाता है।

Table of Contents

Tara by Mahesh Dattani Book Summary in Hindi

कहानी की शुरुआत – दो जुड़वाँ, एक दिल

यह नाटक दो को-जुड़वाँ (conjoined twins) तारा (लड़की) और चंदन (लड़का) पर आधारित है।
दोनों एक-दूसरे से बहुत जुड़े हुए, समझदार और भावनात्मक बच्चे हैं।

दोनों बचपन में एक सर्जरी से गुजरते हैं — जिसमें उनके पैर अलग किए जाते हैं। यहीं से कहानी की असली गाँठ शुरू होती है।

सर्जरी में किसे पैर दिए जाएँ?
यह फ़ैसला उसी समाज की सोच को सामने लाता है, जहाँ लड़कों को बेहतर मौके और लड़कियों को कम समझा जाता है।

चरित्र (Characters) – कहानी को जीवन देने वाले लोग

1. तारा

  • खुशमिजाज, मासूम और बेहद समझदार
  • अपने भाई से भावनात्मक रूप से जुड़ी
  • समाज के भेदभाव की शिकार
  • शारीरिक रूप से कमजोर लेकिन दिल से मजबूत

2. चंदन

  • तारा से प्यार करने वाला भाई
  • भीतर से टूट चुका लेकिन बाहर से सामान्य दिखने की कोशिश
  • बाद में “डैन” नाम से लंदन चला जाता है

3. भारती (माँ)

  • अपने बच्चों से प्यार करती हैं
  • लेकिन सामाजिक दबाव और अपने परिवार (ननिहाल) के प्रभाव में आ जाती हैं
  • तारा से अपराधबोध महसूस करती हैं

4. पटेल (पिता)

  • व्यवहारिक और सख्त
  • बच्चों की सर्जरी के पीछे छिपे सच को छिपाते हैं

5. डॉ. ठक्कर

  • सर्जरी का मुख्य डॉक्टर
  • ननिहाल के दबाव में तारा के साथ भेदभाव करता है

कहानी का मुख्य मोड़ – सर्जरी का सच

दोनों बच्चों के पैर जुड़े हुए थे। मेडिकल टीम ने बताया कि पैर तारा को देना चाहिए क्योंकि उसकी बॉडी पैर को ज़्यादा अच्छे से स्वीकार कर सकती है।

पर समाज का दबाव और ननिहाल की सोच ने फैसला बदला:

“लड़का भविष्य में घर संभालेगा… इसलिए पैर चंदन को दो।”

इस फैसले की वजह से:

  • तारा धीरे-धीरे अपाहिज हो गई
  • उसके जीवन में तकलीफें बढ़ती गईं
  • चंदन को भी अपराधबोध सताने लगा

यही पूरा नाटक एक साइलेंट क्राई बन जाता है — जहाँ तारा की आवाज़ हमेशा दबा दी जाती है।

तारा का संघर्ष – समाज से लड़ती हुई बच्ची

तारा का व्यक्तित्व बेहद जीवंत है। वह पढ़ना चाहती है, हँसना चाहती है, अपनी जिंदगी में आगे बढ़ना चाहती है।
लेकिन:

  • माँ का अपराधबोध
  • पिता की बेपरवाही
  • भाई का मनोवैज्ञानिक तनाव
  • समाज का जेंडर बायस

सब मिलकर उसके सपनों पर चोट करते हैं।

तारा की हालत बिगड़ती जाती है और अंततः उसकी मौत हो जाती है।

चंदन का दर्द – अपराधबोध से भरी जिंदगी

तारा की मौत के बाद चंदन भारत छोड़ देता है और डैन (Dan) नाम रखकर लंदन में बस जाता है।
वह एक नाटक लिख रहा होता है — जो उसकी भावनाओं, अपराधबोध और अपराध के दर्द को दर्शाता है।

पूरा नाटक उसी लेखन प्रक्रिया के फ्लैशबैक की तरह चलता है।

नाटक की मुख्य थीम (Themes of Tara)

1. जेंडर भेदभाव (Gender Discrimination)

यह कहानी दिखाती है कि लड़कियों को आज भी कम आँका जाता है।
तारा को उसका हक इसलिए नहीं मिला क्योंकि वह लड़की थी।

2. परिवार के निर्णयों की जिम्मेदारी

कई बार परिवार समाज की सोच में बहकर गलत फैसले ले लेता है।
यहाँ भारती और ननिहाल यही करते हैं।

3. मनोवैज्ञानिक दर्द

चंदन के भीतर का अपराधबोध दिखाता है कि गलत फैसले सिर्फ एक व्यक्ति को नहीं, पूरी जिंदगी प्रभावित कर सकते हैं।

4. मानवता और संवेदनशीलता

तारा और चंदन का रिश्ता बेहद इंसानियत से भरा है।
उनका आपसी जुड़ाव कहानी का भावनात्मक केंद्र है।

नाटक की शैली (Writing Style & Structure)

महेश दत्तानी ने कहानी को ऐसे लिखा है:

  • फ्लैशबैक और वर्तमान का मिश्रण
  • छोटे-छोटे सीन
  • रियल लाइफ जैसा नैचुरल संवाद
  • भावनाओं से भरपूर नैरेशन

इन सब वजहों से Tara एक शक्तिशाली आधुनिक भारतीय नाटक बन जाता है।

महत्वपूर्ण उद्धरण (Important Quotes)

“We shared everything. Even the same body.”
चंदन का यह वाक्य नाटक की पूरी पीड़ा को एक पंक्ति में समेट देता है।

“Tara should get the leg.”
डॉक्टर का मेडिकल सुझाव, जिसे समाज ने गलत दिशा में मोड़ दिया।

Tara Book में छिपे सामाजिक संदेश

  • लड़कियों को बराबरी का अधिकार मिलना चाहिए
  • परिवारिक निर्णयों में भेदभाव नहीं होना चाहिए
  • बच्चों की इच्छाओं और सपनों को सम्मान देना चाहिए
  • समाज के दबाव में आकर फैसले नहीं लेने चाहिए

Tara by Mahesh Dattani Book PDF Download in Hindi

यह नाटक कॉपीराइटेड है।
इसलिए Original Tara Book PDF पब्लिकली शेयर नहीं की जा सकती।

लेकिन आप इसे यहाँ से कानूनी तरीके से खरीद या पढ़ सकते हैं:

  • Amazon (Paperback / Kindle)
  • Flipkart
  • Local Bookstores
  • Libraries

Tara Book पढ़ने के फायदे

  • सोच बदलने वाली कहानी
  • जेंडर इक्वालिटी की समझ
  • भावनात्मक और मानवीय जुड़ाव
  • नाटक अध्ययन के लिए उपयोगी
  • कॉलेज/स्कूल छात्रों के लिए बेहतरीन टेक्स्ट

व्यक्तिगत उदाहरण (Human Touch Example)

मेरे एक शिक्षक ने कहा था —
“समाज बच्चों का भविष्य तभी बनाएगा, जब वह लड़के-लड़की का फर्क नहीं करेगा।”

Tara पढ़ते समय वही बात फिर याद आती है।

FAQs – ज़रूरी सवाल-जवाब

1. Tara Book किसने लिखी है?

महेश दत्तानी ने यह नाटक लिखा है – जो भारत के प्रसिद्ध आधुनिक नाटककार हैं।

2. क्या Tara Book PDF फ्री में मिल सकती है?

नहीं। यह कॉपीराइटेड टेक्स्ट है। फ़्री PDF देना कानूनी नहीं है।
आप इसे Amazon/Flipkart से खरीद सकते हैं।

3. क्या यह कहानी सच घटना पर आधारित है?

सीधे किसी घटना पर नहीं, लेकिन समाज में मौजूद जेंडर बायस से प्रेरित है।

4. क्या यह कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए है?

हाँ। इंग्लिश लिटरेचर, जेंडर स्टडीज़ और ड्रामा स्टडीज़ के लिए यह बहुत जरूरी टेक्स्ट है।

5. क्या यह कहानी दुखद है?

भावनात्मक है।
लेकिन यह समाज को आईना दिखाती है—इसलिए जरूरी भी है।

निष्कर्ष – यह किताब क्यों पढ़नी चाहिए?

Tara सिर्फ एक नाटक नहीं, एक भावना है।
यह हमें याद दिलाती है कि लड़का-लड़की का फर्क सिर्फ शरीर में होता है, दिमाग और दिल में नहीं।

अगर आप:

  • समाज की सोच समझना चाहते हैं
  • भावनात्मक, गहरे और प्रभावी नाटक पसंद करते हैं
  • या लिटरेचर पढ़ते हैं

तो यह किताब जरूर पढ़नी चाहिए।

Thanks for Reading!❤️

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