To Hell With That Job Book PDF Download in Hindi

To Hell With That Job Book By Vijeta Summary in Hindi & PDF Download

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आजकल ज़्यादातर लोग नौकरी करते हैं, लेकिन दिल से खुश नहीं होते। बहुत से लोग अपने करियर में फँसे हुए महसूस करते हैं—न जॉब छोड़ सकते हैं, न आगे बढ़ सकते हैं। ऐसे समय में लेखिका विजेता की किताब “To Hell With That Job” पढ़ने से लगता है कि कोई आपके मन की बात आपको ही समझा रहा है।
इस किताब में करियर, मानसिक तनाव, आत्मविश्वास, और भविष्य को लेकर ऐसे पॉइंट्स दिए हैं जो हर नौकरी करने वाले इंसान को समझने चाहिए।

यह किताब सिर्फ “जॉब छोड़ो” नहीं कहती, बल्कि यह बताती है कि अपने लिए सही रास्ता कैसे चुनें, कैसे हिम्मत जुटाएँ और कैसे ऐसा जीवन बनाएं जहाँ आप खुद को खोए नहीं।

Table of Contents

To Hell With That Job Book Summary

अब जानते हैं इस किताब की सरल, गहराई से समझाई गई हिंदी में Summary:

1. यह किताब किसके लिए है?

यह किताब उन सभी लोगों के लिए है जो—

  • अपनी नौकरी में फँसे हुए हैं
  • सुबह उठकर ऑफिस जाने से डरते हैं
  • अपने talent का सही इस्तेमाल नहीं कर पा रहे
  • career shift करना चाहते हैं लेकिन डरते हैं
  • बॉस, कंपनी कल्चर या टॉक्सिक माहौल से परेशान हैं
  • अपनी लाइफ की दिशा बदलना चाहते हैं

आज की नौकरी की दुनिया में competition, overwork, pressure और insecurity बहुत है। ऐसे माहौल में यह किताब आपको आत्मनिर्भर, स्पष्ट सोच वाला, और फैसले करने में सक्षम बनाती है।

2. जॉब छोड़ने का असली मतलब क्या है?

किताब का सबसे बड़ा संदेश यह है कि—

“जॉब छोड़ना हमेशा गलत नहीं होता, गलत है—अपनी खुशियों को लगातार दबाना।”

लेखिका बताती हैं कि जॉब छोड़ना का मतलब लापरवाही या असफलता नहीं है। इसका असली मतलब है—

  • अपनी mental health को प्राथमिकता देना
  • ऐसे काम से बाहर निकलना जो आपकी growth रोक रहा हो
  • वह रास्ता चुनना जहाँ आप चमक सकते हैं

यह किताब कहती है कि “कभी-कभी छोड़ना भी जीत होती है।”

उदाहरण:
मेरे आसपास कई लोग हैं जो 10–12 घंटे काम करते हैं, पर उनका असली talent कहीं और है। फिर भी वे डर की वजह से नौकरी बदल नहीं पाते। यह किताब ऐसे लोगों को आगे बढ़ने की हिम्मत देती है।

3. क्यों हम खराब जॉब में फँसे रहते हैं?

किताब के अनुसार इसके 7 मुख्य कारण हैं:

(1) पैसे का डर

बहुत लोग सोचते हैं कि जॉब छोड़ी तो क्या खाएँगे?
लेखिका कहती हैं—
“पैसा ज़रूरी है, लेकिन आपकी mental peace उससे कहीं ज़्यादा ज़रूरी है।”

(2) परिवार या समाज का दबाव

“नौकरी स्थिर होनी चाहिए”,
“सरकारी जॉब ही असली जॉब है”,
“कॉलेज किया है तो कार्पोरेट में ही जाओ”…
ऐसे विचार हमें मजबूर कर देते हैं।

(3) Self-doubt

हम लोग अपने talent पर विश्वास नहीं करते।
किताब कहती है—

“अपने ही दिल की आवाज़ को अनसुना करना सबसे बड़ी गलती है।”

(4) Comfort Zone

एक ही जगह रहना आसान लगता है।
पर यही comfort zone हमारी growth रोकता है।

(5) Toxic Company Culture

– बॉस का गलत व्यवहार
– टीम में राजनीति
– बेवजह के targets
– unfair workload

ये सब मिलकर इंसान को mental stress में डाल देते हैं।

(6) भविष्य का डर

“नई जगह पर क्या होगा?”
“अगर success न मिली तो?”
इस डर में बहुत लोग गलत जगह अटके रहते हैं।

(7) सपनों को छोटा कर लेना

कई लोग महसूस करते हैं कि शायद उनके सपने ज़्यादा बड़े हैं।
किताब सीधा कहती है—

“सपने बड़े हों तब भी उन्हें छोटा मत करो। रास्ता खोजो, बहाने नहीं।”

4. अपने पैशन को पहचानना कैसे शुरू करें?

लेखिका ने 5 स्टेप्स बताए हैं:

⭐ 1. अपनी मजबूत स्किल्स लिखें

जैसे– writing, teaching, design, sales, cooking, coding, art आदि।

⭐ 2. वो काम लिखें जो करने में मज़ा आता है

भले पैसा न मिलता हो, पर दिल खुश होता हो।

⭐ 3. देखें कि आपकी स्किल + पैशन = करियर कैसे बन सकता है

उदाहरण:

  • अगर आपको लिखना पसंद है → freelance writing
  • teaching पसंद है → coaching, online classes
  • drawing पसंद है → graphic designing
  • social media चलाना पसंद है → content creation

⭐ 4. छोटे-छोटे steps से शुरुआत करें

By the way Shrii, आपने खुद content writing की शुरुआत की है—यह किताब की philosophy से बहुत match करता है।

⭐ 5. दूसरों के साथ खुद की तुलना बंद करें

5. Toxic Job छोड़ने का सही समय

किताब कहती है कि ये 10 संकेत मिलें तो समझो—अब निकलने का समय है:

  • हर सुबह नौकरी पर जाने का डर
  • लगातार health issues
  • चिंता, तनाव, रोना या चिड़चिड़ापन
  • बॉस का अपमान
  • आपकी मेहनत की कद्र न होना
  • Promotion में सालों से delay
  • आप जितना देते हैं, उससे ज़्यादा काम लेना
  • Creativity ब्लॉक होना
  • काम में दिल न लगना
  • अपने सपनों के लिए समय न मिलना

अगर 10 में से 4 संकेत भी मिल रहे हैं—
तो यह किताब कहती है—
“Self-respect को salary से ऊपर रखो।”

6. जॉब बदलने से पहले क्या तैयारी करें?

लेखिका मानती हैं कि सिर्फ भावनाओं में आकर जॉब छोड़ना बुद्धिमानी नहीं है। सही निर्णय के लिए कुछ तैयारी करना ज़रूरी है।

(1) Emergency Fund बनाएँ

कम से कम 3–6 महीनों का खर्च अलग रखें।

(2) अपनी स्किल्स सुधारें

किसी भी नए करियर में skills आपको आगे ले जाती हैं।

(3) Side-income शुरू करें

लेखिका कहती हैं—
“Side income आपका safety net है।”

यह content writing, YouTube scripting, online teaching, blogging, digital services में आसानी से मिल सकता है।

(4) नई नौकरी की searching शुरू करें

नौकरी छोड़ने से पहले plan करें।

(5) मानसिक तैयारी करें

शांति से सोचें:
– मुझे क्या चाहिए?
– मेरा लक्ष्य क्या है?
– मेरे लिए कौनसा काम perfect है?

7. अपने नए करियर की शुरुआत कैसे करें?

किताब में इन 7 golden rules का ज़िक्र है:

⭐ 1. छोटे कदम उठाएँ

एकदम बड़ा target बनाकर परेशान न हों।

⭐ 2. रोज़ कुछ नया सीखें

हर skill practice से ही मजबूत होती है।

⭐ 3. लोगों से जुड़ें (Networking)

जितने लोग, उतने मौके।

⭐ 4. Portfolio बनाएँ

काम की quality आपके लिए बोलती है।

⭐ 5. खुद को social media पर दिखाएँ

आज visibility बहुत मायने रखती है।

⭐ 6. काम में consistency रखें

इतने अच्छे बनो कि दुनिया ignore न कर सके।

⭐ 7. खुद पर विश्वास बनाए रखें

लेखिका बार-बार कहती हैं—

“Confidence ही आपकी असली पूँजी है।”

8. Mental Health पर किताब की सीख

लेखिका का स्पष्ट संदेश है:

  • नौकरी आपकी जिंदगी का हिस्सा है, पूरी ज़िंदगी नहीं।
  • काम का तनाव घर न ले जाएँ।
  • अगर तनाव आपको बीमार कर रहा है, तो छोड़ देना समझदारी है।
  • अपने मन और शरीर का ध्यान रखना सबसे ज़रूरी है।
  • ब्रेक लेना कोई गुनाह नहीं है।

9. ग्लानि (guilt) से बचने की सलाह

अक्सर लोग जॉब छोड़ने के बाद guilt feel करते हैं।
किताब में कहा गया है—

  • अपने फैसले पर शर्मिंदा मत हो
  • दूसरों के लिए नहीं, अपने लिए जिओ
  • गलत जगह से निकलकर सही जगह जाना ही maturity है
  • अपनी mental peace को प्राथमिकता दो

10. Practical Tips (जो किताब की असली beauty है)

✔ अपनी strengths पहचानें

✔ savings बढ़ाएँ

✔ गलत बॉस से दूरी रखें

✔ नई सीख से डरें नहीं

✔ अच्छे लोगों से सलाह लें

✔ long-term plan बनाएँ

✔ खुद को judge करना बंद करें

✔ अपने dream के लिए मेहनत करें

11. किताब का असली संदेश

किताब का सार एक ही पंक्ति में:

“बुरा काम, बुरा माहौल, बुरा बॉस—सबको अलविदा कहो और अपना असली भविष्य खुद बनाओ।”

यह किताब लोगों को practical examples से समझाती है कि जीवन में जॉब का बदलाव बहुत normal है।
ज़िंदगी बदलने के लिए courage चाहिए… और वही courage यह किताब देती है।

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FAQs

1. क्या यह किताब freshers के लिए भी फ़ायदेमंद है?

हाँ, बिल्कुल। यह आपको career shaping और सही decisions लेने में मदद करती है।

2. क्या जॉब छोड़ना सही निर्णय है?

अगर नौकरी आपकी mental health, self-respect या future growth को नुकसान पहुँचा रही है, तो हाँ।

3. क्या इस किताब में practical examples दिए हैं?

हाँ, इसमें real-life situations और solutions दोनों दिए गए हैं।

4. क्या यह किताब career बदलने में मदद करती है?

जी हाँ, इसमें career shift, skill building और planning के बारे में clear guidance है।

Conclusion

कुल मिलाकर, To Hell With That Job सिर्फ एक किताब नहीं है—यह उन सभी लोगों के लिए एक powerful reminder है कि आपकी mental health, आपकी खुशी और आपकी self-respect सबसे पहले आनी चाहिए।
जिंदगी वही है जहाँ आप अपने talent का सही इस्तेमाल करें और खुद को खुश महसूस करें।

अगर आप भी एक नई शुरुआत करना चाहते हैं, तो यह किताब आपके लिए perfect है।

Thanks for Reading!❤️

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