एक छोटे से गाँव खधारा में, जहाँ बिजली और पानी की कमी थी, वहाँ एक 10 साल का बच्चा रहता था जिसका नाम था अंश। अंश के पिता एक छोटे से किसान थे और माँ घर का काम संभालती थी। गाँव में ज्यादातर लोग गरीबी से जूझ रहे थे, लेकिन अंश के मन में एक अलग ही चिंगारी थी। वह हमेशा कुछ नया सीखने और बनाने की कोशिश करता था। उसके पास न तो महंगे खिलौने थे और न ही कोई ट्यूशन, लेकिन उसके पास थी एक जिज्ञासा और सीखने की ललक।
अंश का स्कूल गाँव से दूर था, और वह हर दिन पैदल ही स्कूल जाता था। स्कूल में उसे कंप्यूटर और नई तकनीक के बारे में पढ़ाया जाता था, लेकिन गाँव में इन चीजों का कोई अस्तित्व नहीं था। अंश के मन में हमेशा यह सवाल रहता था कि क्या वह भी कुछ ऐसा बना सकता है जो उसके गाँव के लोगों की मदद कर सके।
एक दिन, अंश ने स्कूल में सोलर एनर्जी के बारे में सीखा। उसने सोचा कि अगर वह सोलर पैनल बना सके, तो उसके गाँव में बिजली की समस्या को हल किया जा सकता है। लेकिन समस्या यह थी कि उसके पास न तो पैसे थे और न ही सही सामग्री। फिर भी, अंश ने हार नहीं मानी। उसने पुराने और बेकार पड़े सामानों को इकट्ठा करना शुरू किया। उसने पुराने रेडियो, बैटरी, और कुछ धातु के टुकड़ों को जोड़कर एक छोटा सा सोलर पैनल बनाने की कोशिश की।
कई बार उसकी कोशिशें नाकाम हो गईं, लेकिन अंश ने हार नहीं मानी। उसने अपनी गलतियों से सीखा और हर बार नए तरीके से कोशिश की। एक दिन, उसकी मेहनत रंग लाई और उसने एक छोटा सा सोलर पैनल बना लिया जो एक छोटे बल्ब को जला सकता था। यह बल्ब उसके घर में रोशनी लाने के लिए काफी था। अंश की इस उपलब्धि ने पूरे गाँव में खुशी की लहर दौड़ा दी।
अंश ने अपने इस छोटे से आविष्कार को और बेहतर बनाने की कोशिश की। उसने अपने दोस्तों और गाँव के लोगों को इकट्ठा किया और उन्हें सोलर एनर्जी के बारे में समझाया। धीरे-धीरे, गाँव के लोगों ने भी अंश की मदद करनी शुरू कर दी। उन्होंने पुराने सामानों को इकट्ठा किया और अंश को उसके प्रयोगों में मदद की।
अंश का यह छोटा सा प्रयास धीरे-धीरे बड़ा होता गया। उसने गाँव में कई छोटे-छोटे सोलर पैनल लगाए जो गाँव के लोगों के घरों में रोशनी लाने लगे। इससे न केवल गाँव के लोगों की जिंदगी आसान हुई, बल्कि उन्हें बिजली के लिए महंगे बिल भरने की जरूरत भी नहीं पड़ी।
अंश की इस उपलब्धि की खबर धीरे-धीरे पूरे देश में फैल गई। कई लोग उसके गाँव आने लगे और उसके काम की सराहना करने लगे। एक दिन, एक बड़ी कंपनी ने अंश को अपने साथ काम करने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने अंश को उसकी शिक्षा और प्रयोगों के लिए आर्थिक मदद की पेशकश की।
अंश ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया, लेकिन उसने यह शर्त रखी कि वह अपने गाँव के लोगों की मदद करना जारी रखेगा। कंपनी ने उसकी इस शर्त को मान लिया और अंश ने अपने गाँव में एक छोटा सा सोलर एनर्जी प्लांट स्थापित किया। इस प्लांट ने न केवल गाँव के लोगों को बिजली प्रदान की, बल्कि उन्हें रोजगार के नए अवसर भी दिए।
अंश की यह कहानी सिर्फ एक बच्चे की कहानी नहीं है, बल्कि यह उस जज्बे और हौसले की कहानी है जो किसी भी मुश्किल को पार कर सकता है। अंश ने साबित कर दिया कि अगर इंसान के मन में कुछ करने की चाहत हो, तो कोई भी मुश्किल उसे रोक नहीं सकती।
आज अंश एक सफल इंजीनियर है और वह देश के कई गाँवों में सोलर एनर्जी के प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है। उसकी यह कहानी हमें यह सिखाती है कि हमें कभी भी हार नहीं माननी चाहिए और हमेशा अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश करनी चाहिए। अंश ने गरीबी और मुश्किल हालातों में भी अपनी मेहनत और लगन से एक नई मिसाल कायम की है।
अंश की कहानी हमें यह याद दिलाती है कि हर बच्चे के अंदर एक अनोखी प्रतिभा छुपी होती है, बस जरूरत है तो उसे पहचानने और निखारने की। अगर हम हौसला रखें और मेहनत करें, तो कोई भी मुश्किल हमें हमारे सपनों तक पहुँचने से नहीं रोक सकती। अंश ने यह साबित कर दिया कि उम्र और हालात कभी भी सफलता की राह में रुकावट नहीं बन सकते।
Thanks for Reading!
- Kamsutra Book Summary in Hindi & PDF Download
- We Were Never Meant to Be Book Summary in Hindi & PDF Download
- Unleash Your Inner Peace Book by Nisha Yadav Summary in Hindi & PDF Download
- Ek Maheena Nazmon Ka Book Summary in Hindi & PDF Download
- Fragments of a Feeling Book Summary in Hindi & PDF Download

