“चेहरे उन्हीं के छपते हैं यहाँ, जिनकी जीत होती हैं! हारने वालों को, न मैं पहचानूँ और न आप जानो।”
हरियाणा के एक छोटे से गाँव बलाली की मिट्टी से निकली विनेश फोगाट आज भारत की पहचान हैं। 15 की नन्हीं उम्र में कुश्ती के अखाड़े में उतरी विनेश ने ना सिर्फ देश का नाम रोशन किया, बल्कि लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनीं। उनकी हर साँस में कुश्ती की धुन बसती है। उनकी मेहनत और लगन ने साबित किया कि सपने देखने वालों के लिए कोई मंजिल दूर नहीं होती।
Vinesh Phogat Biography in Hindi
नाम | विनेश फोगाट |
जन्म | 25 अगस्त 1994 |
जन्म स्थान | बलाली, हरियाणा (भारत) |
आयु | 29 वर्ष |
पिता का नाम | राजपाल फोगट |
माँ का नाम | प्रेमलता फोगाट |
राशि | कन्या |
पुरस्कार | 2016 में अर्जुन पुरस्कार |
कार्य | भारतीय पहलवान |
Caste (जाती) | जाट |
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विनेश फोगाट कौन हैं? (Who is Vinesh Phogat?)
हरियाणा की धरती ने विनेश फोगाट जैसी बेटी को जन्म देकर भारत को गौरवान्वित किया। ओजीक्यू की प्रेरणा से पंख पाकर विनेश ने कुश्ती के अखाड़े में इतिहास रच दिया। राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक से लेकर विश्व चैंपियनशिप तक, विनेश ने हर मुकाम पर तिरंगा फहराया। लॉरियस अवार्ड्स तक का सफर तय कर विनेश ने साबित किया कि भारतीय महिलाएं किसी से कम नहीं हैं।
एक छोटे से गाँव की लड़की से लेकर विश्व स्तर की पहलवान बनने का सफर आसान नहीं था। विनेश फोगाट ने ना सिर्फ देश के लिए बल्कि खुद के लिए भी कई चुनौतियों का सामना किया।
विनेश फोगाट का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
एक छोटी सी उम्र में पिता को खो देना विनेश के लिए एक बड़ा झटका था। लेकिन चाचा महावीर फोगाट ने इस मुश्किल समय में उनका साथ दिया। कुश्ती के अखाड़े में उन्होंने ना सिर्फ प्रतिद्वंद्वियों को मात दी बल्कि अपने दुखों को भी दबाया। परिवार का समर्थन उनके लिए हमेशा एक प्रेरणा का स्रोत रहा।
विनेश फोगाट की कहानी बताती है कि मुश्किलों से घबराकर नहीं हारना चाहिए। पिता के निधन के बाद भी विनेश ने हार नहीं मानी और चाचा महावीर फोगाट के मार्गदर्शन में कुश्ती की दुनिया में नाम रोशन किया।
विनेश फोगाट का खेल करियर (Sports Career of Vinesh Phogat)
विनेश फोगाट का नाम भारतीय कुश्ती के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। हर चुनौती को मात देते हुए विनेश ने कुश्ती के मैदान में भारत का परचम लहराया है। एशियाई खेलों से लेकर विश्व चैंपियनशिप तक, विनेश ने हर मुकाम पर देश का नाम रोशन किया है।
2019 में विनेश ने विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर न केवल भारत का नाम रोशन किया बल्कि टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करके एक नया इतिहास रचा। 2020 और 2021 में लगातार कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में स्वर्ण पदक जीतकर उन्होंने अपनी दबदबा कायम रखा।
हालांकि, टोक्यो ओलंपिक में उन्हें क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। एक छोटे से ब्रेक के बाद, अनुशासनहीनता के आरोपों के बावजूद, उन्होंने 2022 में राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण और विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर अपनी वापसी की।
टोक्यो ओलंपिक में उन्हें हार का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए कोटा हासिल कर विनेश ने साबित कर दिया है कि वह एक सच्ची योद्धा हैं।
विनेश फोगाट का सफर आसान नहीं रहा। कई उतार-चढ़ाव के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी। निलंबन जैसे मुश्किल दौर से गुजरने के बाद भी उन्होंने वापसी की और एक बार फिर से अपनी काबिलियत साबित की।
विनेश फोगाट का परिवार और शादी
विनेश फोगाट कुश्ती के एक ऐसे परिवार से आती हैं जिसने भारतीय कुश्ती को नई ऊंचाइयाँ दी हैं। राजपाल फोगट की बेटी होने के नाते और गीता व बबीता की चचेरी बहन होने के नाते विनेश के खून में कुश्ती दौड़ती है। उनके परिवार ने समाज के रूढ़िवादी विचारों को तोड़ते हुए कुश्ती में लड़कियों को आगे बढ़ाया। विनेश, रितु और उनकी बहनों ने मिलकर एक नई परंपरा की शुरुआत की है।
विनेश फोगाट का व्यक्तिगत जीवन उनकी पेशेवर सफलता की कहानी को और अधिक प्रेरक बनाता है। 2018 में उन्होंने अपने लंबे समय के साथी और पहलवान सोमवीर राठी से शादी की।
रियो ओलंपिक में चोट लगने के बाद भी विनेश ने हार नहीं मानी और एक बार फिर मैदान में उतरकर अपनी काबिलियत साबित की। विनेश और सोमवीर की प्रेम कहानी और उनकी संयुक्त सफलता युवाओं के लिए एक प्रेरणा है।
विनेश फोगाट की प्रमुख उपलब्धियां
विनेश फोगाट: भारतीय कुश्ती की शानदार यात्रा
विनेश फोगाट भारतीय कुश्ती की एक चमकदार सितारा हैं, जिन्होंने अपने अदम्य हौसले और लगन से देश का नाम रोशन किया है। उनकी यात्रा, चुनौतियों से भरी रही है, लेकिन उन्होंने हर मुकाम पर अपनी जीत दर्ज की है।
- एशियाई खेलों में ऐतिहासिक जीत: 2018 में, विनेश ने एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। वे एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनीं।
- विश्व चैंपियनशिप में सफलता: 2019 में, उन्होंने विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर टोक्यो ओलंपिक 2020 के लिए क्वालीफाई किया। इस जीत के साथ, वे शीर्ष छह में स्थान प्राप्त करने वाली पहली भारतीय पहलवान बनीं।
- लगातार सफलता: 2020 में, रोम रैंकिंग सीरीज़ में स्वर्ण पदक जीतकर विनेश ने अपनी जीत का सिलसिला जारी रखा।
- चुनौतियों का सामना: टोक्यो ओलंपिक के बाद, अनुशासनहीनता के आरोपों के कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और 2022 में राष्ट्रमंडल खेलों और विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में पदक जीतकर अपनी वापसी की।
- 2024 पेरिस ओलंपिक: 2024 एशियाई कुश्ती ओलंपिक क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट में सफलता प्राप्त कर विनेश ने पेरिस में होने वाले 2024 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के लिए भारत का कोटा सुनिश्चित किया।
विनेश फोगाट सिर्फ एक पहलवान नहीं हैं, बल्कि एक प्रेरणा हैं। उन्होंने साबित किया है कि लगन और मेहनत से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उनकी यात्रा युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
विनेश फोगट के बारे में रोचक तथ्य
- राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में पहली भारतीय स्वर्ण पदक विजेता: विनेश फोगाट राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान हैं।
- विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में कई पदक: विनेश ने विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में कई पदक जीते हैं, जिससे वे इस प्रतियोगिता में सबसे सफल भारतीय महिला पहलवान बन गई हैं।
- लॉरियस वर्ल्ड स्पोर्ट्स अवार्ड्स: 2019 में, विनेश को लॉरियस वर्ल्ड स्पोर्ट्स अवार्ड्स के लिए नामांकित होने वाली पहली भारतीय एथलीट का सम्मान प्राप्त हुआ।
- परिवार का योगदान: विनेश फोगाट, पहलवान राजपाल फोगट की बेटी हैं और गीता व बबीता फोगट की चचेरी बहन हैं। उनके परिवार ने कुश्ती में उनके सपने को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- व्यक्तिगत जीवन: 13 दिसंबर 2018 को, विनेश ने अपने लंबे समय के साथी और साथी पहलवान सोमवीर राठी से विवाह किया, जो खुद भी राष्ट्रीय चैंपियनशिप में दो बार के स्वर्ण पदक विजेता हैं।
निष्कर्ष:
विनेश फोगाट सिर्फ एक नाम नहीं हैं, बल्कि एक प्रेरणा हैं। एक छोटे से गाँव से निकलकर उन्होंने देश का नाम विश्व पटल पर रोशन किया है। कुश्ती के मैदान में उन्होंने ना सिर्फ अपने प्रतिद्वंद्वियों को मात दी बल्कि समाज की रूढ़ियों को भी धूल चटा दी। विनेश की कहानी बताती है कि अगर दृढ़ संकल्प हो तो कोई भी मुश्किल आसान हो जाती है।
उनकी सफलता हर उस युवा को प्रेरित करती है जो अपने सपनों के पंख फैलाना चाहता है। विनेश फोगाट भारतीय कुश्ती की शान हैं और हम उम्मीद करते हैं कि वह भविष्य में भी देश के लिए कई और उपलब्धियां हासिल करेंगी।
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